नागलोई और छावला में रंगदारी मांगने के लिए गोलियां चलाना: पुलिस और प्रशासन की विफलता पर सवाल उठते हैं
लेखक: स्मिता सिंह
दिल्ली के नागलोई और छावला इलाके में इन दिनों रंगदारी के मामले बेहद बढ़ गए हैं, जिससे स्थानीय लोग भय के माहौल में जीने को मजबूर हैं। पिछले कुछ समय से रंगदारी मांगने के लिए गोलियां चलाना, जानलेवा धमकियां देना और व्यापारियों को डराने-धमकाने के मामले बढ़ते जा रहे हैं। ताजा घटना में, बाइक सवार बदमाशों ने एक मोटर वर्कशॉप पर गोलियां चला दीं, ताकि व्यापारियों से पैसे वसूलने की धमकी दी जा सके। यह सिर्फ एक घटना नहीं है, बल्कि एक लगातार बढ़ती हुई समस्या का हिस्सा है, जो नागलोई और छावला क्षेत्रों में भय का माहौल बना रही है।
इस प्रकार की घटनाएं न केवल व्यापारियों के लिए खतरे का कारण बन रही हैं, बल्कि पूरे क्षेत्र के नागरिकों के लिए भी असुरक्षा का कारण बन रही हैं। रंगदारी के इस खेल में आम लोग भी फंसे हुए हैं, और पुलिस प्रशासन की ओर से इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा। ये घटनाएं पिछले एक साल से बढ़ती जा रही हैं, लेकिन पुलिस की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।
DCP Ankit Singh की भूमिका पर सवाल
दिल्ली के पश्चिमी क्षेत्र के पुलिस प्रमुख, DCP अंकित कुमार सिंह, को इस स्थिति पर कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। एक साल से अधिक समय से इस प्रकार की घटनाएं घट रही हैं, और इसके बावजूद पुलिस प्रशासन ने इस पर नियंत्रण पाने के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए। यह स्थिति यह संकेत देती है कि पुलिस प्रशासन पूरी तरह से इन आपराधिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई में नाकाम रहा है।
इन घटनाओं के बाद, यह सवाल उठना लाजिमी है कि जब क्षेत्र में रंगदारी और धमकियों का सिलसिला बढ़ रहा है, तो पुलिस इस पर क्यों चुप है? क्या यह उनके कार्य में ढील का परिणाम है या फिर प्रशासन की ओर से पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जा रहा? DCP अंकित कुमार सिंह को अपने क्षेत्र में बढ़ती आपराधिक घटनाओं के संदर्भ में अपने कृत्यों पर पुनः विचार करना होगा, और जनता को सुरक्षा की गारंटी देने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।
यह स्थिति न केवल पुलिस प्रशासन की विफलता को उजागर करती है, बल्कि एक मजबूत और जवाबदेह सिस्टम की आवश्यकता को भी बताती है। यदि जल्दी ही कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो यह क्षेत्र और अधिक असुरक्षित हो सकता है। दिल्ली पुलिस को इस समस्या का हल ढूंढने और अपराधियों को सख्त सजा दिलवाने के लिए अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।