झारखंड में चुनाव से पहले इनकम टैक्स का छापा
झारखंड की सियासी हलचल में इजाफा, मुख्यमंत्री के सहयोगी पर इनकम टैक्स का शिकंजा
लेखक: स्मिता सिंह
झारखंड में विधानसभा चुनावों से पहले एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम सामने आया है। इनकम टैक्स विभाग ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के करीबी सहयोगी और उनके निजी सचिव, सुनील श्रीवास्तव के घर पर छापा मारा। यह छापा शनिवार सुबह रांची में उनके आवास पर हुआ, जहां इनकम टैक्स की टीम ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों की जांच की।
अधिकारियों का कहना है कि इस कार्रवाई का उद्देश्य सोरेन सरकार के तहत कुछ संदिग्ध वित्तीय लेन-देन और भ्रष्टाचार से जुड़ी गतिविधियों का पता लगाना है। पिछले कुछ समय से विपक्षी दलों, खासकर भाजपा, ने सोरेन सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। भाजपा ने इस छापे का स्वागत करते हुए इसे “भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई” बताया है, जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने इसे केंद्र सरकार की साजिश करार दिया है। झामुमो का आरोप है कि केंद्र सरकार और विपक्ष चुनावों के मद्देनजर सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।
राजनीतिक दलों के बीच तनाव
यह छापा राज्य की राजनीति में चुनावी सरगर्मी के बीच एक नए मोड़ के रूप में सामने आया है। भाजपा नेताओं का कहना है कि इस कार्रवाई से राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मजबूत संदेश जाएगा। वहीं, सोरेन की पार्टी ने इसे चुनावों में केंद्र की ओर से हस्तक्षेप बताया है। पार्टी के नेताओं का कहना है कि यह केवल एक राजनीतिक चाल है ताकि चुनावों में सरकार के खिलाफ माहौल बनाया जा सके।
चुनावों पर प्रभाव
विशेषज्ञों का मानना है कि यह छापा झारखंड के आगामी चुनावों में एक प्रमुख मुद्दा बन सकता है। मतदाता पहले से ही राज्य में भ्रष्टाचार और विकास की धीमी गति को लेकर असंतुष्ट हैं, और इस छापे ने इन चिंताओं को और गहरा कर दिया है। राज्य में चुनावी परिणामों पर इसका असर देखने को मिल सकता है, जहां जनता का रुख सरकार के खिलाफ जा सकता है।
इस घटना से झारखंड की राजनीति और चुनावी माहौल में गरमी आ गई है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस छापे का राजनीतिक दलों और चुनावी प्रचार पर किस प्रकार का प्रभाव पड़ता है।